स्वर्ण जयंती वर्ष: आज के दिन बना था हिमाचल का हमीरपुर और ऊना जिला



 एक सितंबर 1972 को हमीरपुर.... और ऊना जिला 12वें जिले के रूप में अस्तित्व में आया। कांगड़ा जिले के टुकड़े कर इससे ऊना और हमीरपुर को अलग कर दिया गया था। उस समय इसकी घोषणा हिमाचल निर्माता और प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार ने ऊना आकर की थी। 

हिमाचल प्रदेश के ऊना और हमीरपुर जिले 49 साल पूरे कर बुधवार को स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। एक सितंबर 1972 को हमीरपुर और ऊना जिले के रूप में अस्तित्व में आए। कांगड़ा जिले के टुकड़े कर इससे ऊना और हमीरपुर को अलग कर दिया गया था। उस समय इसकी घोषणा हिमाचल निर्माता और प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार ने ऊना आकर की थी। 

महापंजाब के समय ऊना क्षेत्र पंजाब के होशियारपुर जिले में शामिल था। वर्ष 1966 में महापंजाब के पुनर्गठन के समय ऊना को प्रदेश के कांगड़ा जिले में शामिल किया गया। उस समय ऊना तहसील हुआ करती थी। ऊना के लोगों की संस्कृति, सभ्यता और बोलचाल की भाषा पंजाबी मिश्रित है। 1966 में कांगड़ा जिले का हिस्सा बनने के छह साल बाद 1 सितंबर 1972 को प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार ने कांगड़ा जिले का पुनर्गठन कर कांगड़ा, ऊना और हमीरपुर जिलों का विधिवत तौर पर निर्माण किया। 


Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.